मन में शुभ संकल्प जगाते रहिए | Keep Awakening Good Intentions In Your Mind

🥀 २० फरवरी २०२४ मंगलवार🥀
🍁माघ शुक्लपक्ष एकादशी २०८०🍁
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‼ऋषि चिंतन‼
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मन में शुभ संकल्प जगाते रहिए
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👉 जब आप प्रात:काल सोकर उठते है तो बिस्तर त्यागने के पूर्व आप कुछ क्षण रुकिए। स्वस्थ और चैतन्य होकर शांत मुद्रा में बैठिए । परमात्मा को याद कीजिए और यह भावना कीजिए कि आज का दिन आपका एक जीवन है। आज आप अपनी शक्ति का अपव्यय रोकेंगे और ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे। दिन भर कामुक विचारों से बचते रहिए और अंत तक आज का अपना प्रण पूरा कर ही जाइए। यह आपका एक छोटा संकल्प हुआ। धीरे-धीरे संकल्प के स्वरूप और उसकी अवधि को और भी चौड़ा करते रहिए। आपका मनोबल संकल्प की तौल के अनुसार बढ़ता ही जाएगा।
👉 आत्म-विकास के इन कार्यक्रमों में “मन” को व्यस्त रखिए तो वह आपके बड़े काम आएगा, आपको बहुत लाभ देगा। ऐसा नहीं करेंगे तो मन स्थिर नहीं रहेगा, यह आप निश्चय जान लीजिए। “मन” को काम चाहिए। प्रोग्राम के बिना तो वह एक क्षण नहीं टिक सकता। यह नहीं तो आत्म-विनाश की खुराफात शुरू कर देगा। ताश-तमाशे के लिए, सैर-सपाटे के लिए, लड़ाई-झगड़ा, कानाफूसी, मजाक आदि की ओर वह तभी दौड़ता है, जब उसे कोई रचनात्मक कार्यक्रम नहीं मिलता। इसके सिवाय मनोबल क्षय होने के और कोई कारण नहीं। निर्धनता, दुर्बलता, दैन्यता आदि इसी आत्मविनाश के फल हैं। इन्हें रोकिए और अपना जीवन बरबाद होने से बचाइए।
👉 याद रखिए कि स्वाभिमान ऊँचा रहता है तो मनोबल भी बढ़ा हुआ होता है। हीन भावनाएँ रखेंगे और गलत काम करेंगे, तो आपका स्वाभिमान कौन ऊँचा रहने देगा ? घर वाले डाँट मारेंगे, अध्यापक झिड़कियाँ देगा, प्रधान फटकार लगाएगा, फैक्टरी का मालिक काम से निकाल देगा। इससे आपके अपमान हो जाने का उतना भय नहीं है जितना आपके दुर्बल मन हो जाने का। यदि आप ऐसा करते हैं तो वह आपकी सबसे बड़ी कमजोरी होगी।
👉 आप छोटे होने का विचार अपने मन से निकाल कर दूर फेंकिए, आपके “मन” में अपार सामर्थ्य है। इधर देखिए, यह जो विज्ञान फैला पड़ा है, यह सब मन की शक्ति का चमत्कार है। उस शक्ति का अपमान न होने दीजिए। अपने “मनोबल” को सदैव दृढ़ रखिए। “मन” हार जाता है तो यह संसार भी दुःख का आगार ही समझ में आता है। आपकी सफलता, आपकी जीत, आपके “मन” की जीत है। “मन” को बलवान रखना आपका धर्म है। इससे आप संसार में बड़े काम कर सकते हैं, बड़ी सफलताएँ अर्जित कर सकते हैं।
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