भगवान विष्णु का कल्कि अवतार

दोस्तों आज के वीडियो में हम कल्कि अवतार के बारे में जानेंगे जैसे कल्कि अवतार क्या है कल्कि भगवान के अवतरण का उद्देश्य क्या है ? कल्कि अवतार कहां पर होगा? कल्कि  अवतार कब होगा ? कल की अवतार का स्वरूप कैसा होगा ? तो चलिए वीडियो शुरू करते है

पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु हर युग के अंत में अवतार लेकर धर्म को पुर्नस्थापित करते हैं। अब तक भगवान विष्णु के 9 अवतार हो चुके हैं और अब केवल 10वां अवतार कल्कि होना बाकी है। कल्कि पुराण और अग्नि पुराण के अनुसार, श्री हरि का ‘कल्कि’ अवतार कलियुग के अंत में अवतरित होगा. और अधर्मियों का अंत करके फिर से धर्म का राज स्थापित करेंगे। अभी कलियुग का  प्रथम चरण चल रहा है. इसलिए अभी इस अवतार के होने में काफी समय है। 

यह मान्यता है कि कल्कि अवतार के बाद कलियुग (Kaliyug) खत्म हो जाएगा. यह अवतार कब होगा, कैसा होगा इनका स्वरूप ? आइए जानते कल्कि अवतार (Kalki) की महत्वपूर्ण जानकारी-

कल्कि अवतार क्या है ? 

पुराणों के अनुसार कलियुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे. सनातन धर्म (Sanatan Dharma) की मान्यता के अनुसार अधर्म को खत्म करने और सतयुग के पुनरुत्थान ये अवतार होगा. कल्कि अवतार लेकर श्रीहरि धरती से पापियों का नाश करेंगे और फिर धर्म की पताका लहराएगी.

भगवान कल्कि के अवतरण का उद्देश्य क्या है?

मान्यता है कि जैसे-जैसे कलयुग का समय बीतेगा, पृथ्वी पर अत्याचार और पाप बढ़ता जाएगा, व्यक्ति में संस्कारों की कमी आ जाएगी, शिष्य गुरु के उपदेशों का पालन नहीं करेंगे, हत्या और लूट की घटनाएं बढ़ जाएंगी और धर्म की नीतियां खत्म हो जाएंगी, तब भगवान कल्कि अधर्म का नाश करने के लिए और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए अवतरित होंगे।

कल्कि अवतार कब होगा ? 

पुराणों के अनुसार पृथ्वी पर कलयुग का इतिहास 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा. अभी कलियुग का  प्रथम चरण चल रहा है.जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे. 

श्रीमद्भागवत पुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में बताया गया है कि जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब भगवान कल्कि अवतरित होंगे. कलियुग की समाप्ति और सतयुग के संधि काल में ये अवतरित होंगे.

पुराणों में श्रीहरि के दसवें अवतार की जो तिथि बताई गई है उसके अनुसार भगवान सावन महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को जन्म लेंगे.

कल्कि अवतार कहां होगा ?

पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में होगा। भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे। साथ में वह वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे। भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करके फिर से धर्म की रक्षा करेंगे।

कल्कि भगवान की पत्नी का नाम देवी लक्ष्मी का ही एक अन्य नाम होगा ‘पद्मा’। ऐसी भी कथा है कि माता वैष्णो देवी जो रामावतार के समय से भगवान से विवाह से लिए तपस्या कर रही हैं उनकी तपस्या कल्कि भगवान पूर्ण करेंगे और उनसे विवाह करेंगे।

कल्कि अवतार का स्वरूप कैसा होगा ?

‘अग्नि पुराण’ के सौलहवें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया हैं. कल्कि भगवान देवदत्त नाम के एक सफेद घोड़े पर बैठ कर आएंगे । यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा. इनके गुरु चिरंजीवी भगवान परशुराम होंगे जो की भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक है  इनके निर्देश पर कल्कि भगवान शिव की तपस्या करेंगे और दिव्यशक्तियों को प्राप्त कर अधर्म और पापियों का विनाश करेंगे 

कल्कि अवतार करेंगे यह काम

मनीषियों ने कल्कि के इस स्वरूप की विवेचना में कहा है कि कल्कि सफेद रंग के घोड़े पर सवार हो कर आततायियों पर प्रहार करते हैं। इसका अर्थ उनके आक्रमण में शांति (श्वेत रंग), शक्ति (अश्व) और परिष्कार (युद्ध) लगे हुए हैं। तलवार और धनुष को हथियारों के रूप में उपयोग करने का अर्थ है कि आसपास की और दूरगामी दोनों तरह की दुष्ट प्रवृत्तियों का निवारण।

कल्कि की यह रणनीति समाज के विचारों, मान्यताओँ और गतिविधियों की दिशाधारा में बदलाव का प्रतीक ही है। इस बार अवतार असुरों या दुष्टों के संहार के बजाय उनके मन मानस को अपने विधान से बदलने की नीति पर आमादा है। कल्कि अवतार का यही संदेश है।

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कल्कि अवतार के बारे में यह 7 बातें कम लोगों को पता है, जानें कल्कि भगवान की दिव्य बातें

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभल में भगवान कल्कि के मंदिर का शिलान्यास कर रहे हैं। आइए जानते हैं भगवान कल्कि के बारें 7 ऐसे रहस्य जो कम लोगों को पता है और अक्सर लोग कल्कि भगवान के बारे में इन सवालों को इंटरनेट पर सर्च भी करते हैं। जानें कल्कि भगवान की 7 सहस्यमयी बातें।

पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु हर युग के अंत में अवतार लेकर धर्म को पुर्नस्थापित करते हैं। अब तक भगवान विष्णु के 9 अवतार हो चुके हैं और अब केवल 10वां अवतार कल्कि होना बाकी है। इस अवतार के बारे में पुराणों में बताया गया है कि कलियुग के अंत में भगवान यह अवतार धारण करेंगे और अधर्मियों का अंत करके फिर से धर्म का राज स्थापित करेंगे। अभी कलियुग का आधा समय ही बीता है इसलिए अभी इस अवतार के होने में काफी समय है।

नवभारतटाइम्स.कॉम

कल्कि पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का कल्कि अवतार संभल गांव में होगा। ऐसी मान्यता है कि उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव ही वह स्थान है जहां भगवान का 10वां अवतार होना है।

इस अवतार में भगवान के पिता का नाम विष्णुयश होगा। यह भगवान के भक्त एवं वेदों और पुराणों के ज्ञाता होंगे। इनकी माता का नाम सुमति होगा।

कल्कि भगवान की पत्नी का नाम देवी लक्ष्मी का ही एक अन्य नाम होगा ‘पद्मा’। ऐसी भी कथा है कि देवी वैष्णवी यानी माता वैष्णो देवी जो रामावतार के समय से भगवान से विवाह से लिए तपस्या कर रही हैं उनकी तपस्या कल्कि भगवान पूर्ण करेंगे और उनसे विवाह करेंगे।

ऐसी मान्यता है कि इस अवतार में भगवान का वाहन एक सफेद रंग का घोड़ा होगा। यह घोड़ा देवदत्त के नाम से जाना जाएगा।

कल्कि भगवान के गुरु भगवान परशुराम जी होंगे। परशुराम जी भगवान विष्णु के ही एक अवतार माने जाते हैं, इन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त है। इनके निर्देश पर कल्कि भगवान शिव की तपस्या करेंगे और दिव्यशक्तियों को प्राप्त कर अधर्म का अंत करेंगे।

रामावतार के समान ही कल्कि अवतार में भी भगवान चार भाई होंगे इनके अन्य तीन भाइयों के नाम होंगे सुमन्त, प्राज्ञ और कवि। अपने इन्हीं भाइयों के साथ मिलकर भगवान धर्म की स्थापना करेंगे।

कल्कि अवतार में भगवान के चार पुत्र होंगे इनके नाम होंगे जय, विजय, मेघमाल तथा बलाहक।