प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है

🥀 ०८ नवंबर २०२४ शुक्रवार 🥀//कार्तिक शुक्लपक्ष सप्तमी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️➖प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न➖❗हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है❗〰️➖🌹➖〰️👉 “मानसिक उद्विग्नता” भी मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी समस्या है। शांत, संतुष्ट, संतुलित और प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति बिरले ही दिखाई देते हैं। अधिकांश व्यक्तियों के माथे पर त्यौरियाँ चढ़ी होती हैं, आँखों में बुझापन, चेहरे पर … Read more

अटूट विश्वास आस्तिकता का लक्षण|| Unwavering faith is a sign of devotion

🥀 ०५ नवंबर २०२४ मंगलवार 🥀//कार्तिक शुक्लपक्ष चतुर्थी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️❗➖।।अटूट विश्वास।।➖❗➖आस्तिकता का लक्षण ➖〰️➖🌹➖〰️👉 लुहार अपनी दुकान पर लोहे के टुकडों से तरह-तरह की चीजें बनाता रहता है। उन टुकडों को वह कभी गरम करने के लिये भट्टी में तपाता है कभी पानी में डालकर ठण्डा कर लेता है। इस विसंगति को देखकर कोई … Read more

सन्मार्ग की ओर कैसे बढ़ें

🥀२० अक्टूबर २०२४ रविवार🥀//कार्तिक कृष्णपक्ष तृतीया २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️➖”सन्मार्ग” की ओर कैसे बढ़ें➖〰️➖🌹➖〰️👉 “मन” की प्रवृत्ति आमतौर पर अधोमुखी होती है इसलिए “आत्मा” को अपनी बुद्धि और सामर्थ्य का प्रयोग करना चाहिए। मन को बुरे कर्मों से बार-बार हटाने और उसे शुभ कर्मों में लगाए रहने से कुछ दिन में उसकी प्रवृत्ति भी सतोगुणी हो … Read more

सफलता पाने के लिए धैर्य अनिवार्य है

🥀१६ अक्टूबर २०२४ बुधवार🥀//आश्विन शुक्लपक्ष चतुर्दशी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️सफलता पाने के लिए धैर्य अनिवार्य है〰️➖🌹➖〰️👉 प्राचीन समय में जब शिष्य विद्याध्ययन के लिए जब गुरु के पास जाता था, तो उसे पहले अपने “धैर्य” की परीक्षा देनी होती थी। गौएँ चरानी पड़ती थीं, लकड़ियाँ चुननी पड़ती थीं, उपनिषदों में इस प्रकार की अनेक कथाएँ हैं। … Read more

इतिहास की 15 अक्टूबर 2023 तक की मुख्य घटनाएँ || Main Events of History Till 15 October 2023

🎯आज की वाणी👉 🌹शुश्रूषा श्रवणञ्चैवग्रहणं धारणं तथा ।ऊहापोहोऽर्थविज्ञानंतत्त्वज्ञानञ्च धीगुणाः ॥अर्थात्👉शुश्रूषा, श्रवण, ग्रहण, धारण, चिंतन, उहापोह (आन्तरिक तर्क वितर्क), अर्थविज्ञान और तत्त्वज्ञान – ये बुद्धि के गुण हैं ।🌹 15 अक्टूबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ👉 1686 – मुग़ल शासक औरंगजेब ने बीजापुर के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।1806 – प्रास और फ्रांस की सेनाओं के मध्य … Read more

अधीर होना लड़कपन का चिन्ह है

🥀१५ अक्टूबर २०२४ मंगलवार🥀//आश्विनशुक्लपक्ष त्रयोदशी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️अधीर होना लड़कपन का चिन्ह है〰️➖🌹➖〰️👉 आवेश की अशांत दशा में न तो कोई व्यक्ति “सांसारिक” उन्नति कर सकता है और न “आध्यात्मिक” । कारण यह है कि उन्नति के लिए ऊंचा उठाने के लिए जिस बल की आवश्यकता होती है, वह बल मानसिक अस्थिरता के कारण एकत्रित … Read more

एक समय पर एक ही काम कीजिए

🥀१३ अक्टूबर २०२४ रविवार🥀//आश्विनशुक्लपक्ष एकादशी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️एक समय पर एक ही काम कीजिए〰️➖🌹➖〰️👉 “एक समय में एक काम” करने का सुनहरा सिद्धांत जिसने अपना लिया, समझिए कि जीवन संग्राम में विजय प्राप्त करने का एक बहुत ही मूल्यवान शस्त्र उसके हाथ आ गया। एक अँगरेजी की कहावत है कि “Work while you work, play … Read more

जीवात्मा के विषय में हमारी समझ परिपक्व होना ही चाहिए

🥀०९ अक्टूबर २०२४ बुधवार🥀//आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी २०८१ //➖‼️➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️जीवात्मा के विषय में हमारी समझ👉 परिपक्व होना ही चाहिए 👈〰️➖🌹➖〰️👉 “जीवात्मा” आखिर है क्या ? उसका लक्षण, स्वरूप, स्वभाव और लक्ष्य क्या है ? इस प्रश्न पर विज्ञान अपने बचपन में विरोधी था, वह कहता था- जड़ तत्त्वों के, अमुक रसायनों के एक विशेष संयोग- … Read more

अपने सही स्वरूप को हम जानें

🥀०८ अक्टूबर २०२४ मंगलवार🥀//आश्विन शुक्लपक्ष पंचमी २०८१ //‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️अपने सही स्वरूप को हम जानें〰️➖🌹➖〰️👉 “आत्मा” की महिमा और गरिमा को समझा जा सके तो उसे उसके स्तर के अनुरूप स्थिति में रखने की इच्छा होगी। इसके लिये जगी अभिलाषा और विकसित हुई स्थिति आत्मगौरव कहलाती है। “गौरवान्वित” को संतोष मिलता है और आनंद भी। तिरस्कृत … Read more

गयाजी में ही क्यों किया जाता हैं पिंडदान | गयाजी पिंडदान

भारत में पिंडदान के लिए 55 जगहों को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है। इनमें गयाजी का नाम सबसे पहले आता है। पिंडदान के लिए पूरे भारत में गया जी से अच्‍छी जगह नहीं है। लोग अपने पितरों की आत्‍मा की शांति और तर्पण के लिए बिहार के गया को ही चुनते हैं। पर क्‍या आप … Read more