साधना से अपने पापों को स्वीकारने का साहस जागृत होता है | Sadhana Awakens The Courage To Accept One’s Sins

🥀 ०७ दिसंबर २०२४ शनिवार 🥀//मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष षष्ठी२०८१//➖➖‼️➖➖ ‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️➖साधना से अपने पापों को➖स्वीकारने का साहस जागृत होता है〰️➖🌹➖〰️👉 “साधना” निश्चित रूप से याचना नहीं है। वह विशुद्ध रूप से आत्म-परिष्कार, जीवन शोधन और पवित्रता के विकास की सुनियोजित प्रक्रिया है। तपश्चर्या की आग में हम अपने कलुष- कषायों को जलाते हैं। कर्मफल से छुटकारा … Read more

जीवात्मा के विषय में हमारी समझ परिपक्व होना ही चाहिए

🥀०९ अक्टूबर २०२४ बुधवार🥀//आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी २०८१ //➖‼️➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️जीवात्मा के विषय में हमारी समझ👉 परिपक्व होना ही चाहिए 👈〰️➖🌹➖〰️👉 “जीवात्मा” आखिर है क्या ? उसका लक्षण, स्वरूप, स्वभाव और लक्ष्य क्या है ? इस प्रश्न पर विज्ञान अपने बचपन में विरोधी था, वह कहता था- जड़ तत्त्वों के, अमुक रसायनों के एक विशेष संयोग- … Read more

अपने सही स्वरूप को हम जानें

🥀०८ अक्टूबर २०२४ मंगलवार🥀//आश्विन शुक्लपक्ष पंचमी २०८१ //‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️अपने सही स्वरूप को हम जानें〰️➖🌹➖〰️👉 “आत्मा” की महिमा और गरिमा को समझा जा सके तो उसे उसके स्तर के अनुरूप स्थिति में रखने की इच्छा होगी। इसके लिये जगी अभिलाषा और विकसित हुई स्थिति आत्मगौरव कहलाती है। “गौरवान्वित” को संतोष मिलता है और आनंद भी। तिरस्कृत … Read more

आत्मा की अमरता पर विश्वास करें

🥀 १० जुलाई २०२४ बुधवार 🥀//आषाढ़ शुक्लपक्ष चतुर्थी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖आत्मा की अमरता पर विश्वास करें〰️➖🌹➖〰️👉 “आत्मा” की अमरता का विश्वास सचमुच भू-लोक का “अमृत” है। इसे पान करने के उपरांत मनुष्य की दिव्य दृष्टि खुलती है। वह कल्पना करता है कि मैं अतीत काल से, सृष्टि के आरंभ से एक अविचल जीवन जीता चला … Read more

Justice of God || ईश्वर का न्याय

Justice of God One day, a sage set out on a journey with his disciple. The sage preferred not to engage in idle chatter, and he valued silence and the peaceful performance of his duties. However, the disciple was quite restless. He always found himself distracted and enjoyed engaging in conversations with others. As they … Read more

ईश्वर का न्याय || Justice of God

ईश्वर का न्याय एक दिन मार्ग में एक महात्मा जी अपने शिष्य के साथ भ्रमण पर निकले। गुरुजी को ज्यादा इधर-उधर की बातें करना पसंद नहीं था, कम बोलना और शांतिपूर्वक अपना कर्म करना ही गुरू जी को प्रिय था। परन्तु शिष्य बहुत चपल था, उसे सदैव इधर-उधर की बातें ही सूझती, उसे दूसरों की … Read more

Understand the Importance of Sense Control || इंद्रिय संयम का महत्व समझें

🥀 March 28, 2024, Thursday 🥀🍁 Chaitra Krishna Paksha Tritiya 2080 🍁➖➖‼️➖➖‼️ Rishi Chintan ‼️➖➖‼️➖➖➖ Understand the Importance of Sense Control ➖〰️➖🌹➖〰️👉 There are many aspects of self-control, among which the foremost is “control of the senses.” The first aspect of sense control is “control of the tongue.” By being influenced by the habits of … Read more

इंद्रिय संयम का महत्व समझें || Understand The Importance Of Sense Control

🥀 २८ मार्च २०२४ गुरुवार🥀🍁चैत्र कृष्णपक्ष तृतीया २०८०🍁➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖➖इंद्रिय संयम का महत्व समझें➖〰️➖🌹➖〰️👉 संयम के कई पक्ष हैं, जिनमें प्रथम है – “इंद्रिय संयम।” इंद्रिय संयम में प्रथम गणना होती है – “जिह्वा संयम” की । स्वाद के नाम पर चटोरेपन की आदतों के वशीभूत होकर हम दुष्पाच्य तमोगुणी, चटपटा, तला-भुना भोजन करते हैं। जीभ … Read more