प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है

🥀 ०८ नवंबर २०२४ शुक्रवार 🥀//कार्तिक शुक्लपक्ष सप्तमी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️➖प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न➖❗हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है❗〰️➖🌹➖〰️👉 “मानसिक उद्विग्नता” भी मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी समस्या है। शांत, संतुष्ट, संतुलित और प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति बिरले ही दिखाई देते हैं। अधिकांश व्यक्तियों के माथे पर त्यौरियाँ चढ़ी होती हैं, आँखों में बुझापन, चेहरे पर … Read more

God Becomes Happy Only By Serving Helpless And Needy Humans | लाचार एवं जरूरतमंद मनुष्य सेवा से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं

God Becomes Happy Only By Serving Helpless And Needy Humans!! 👌👌✍️👌👌 Once, a cobbler was given a dream by God, saying, “I will come to meet you tomorrow morning at your shop.” The cobbler’s shop was quite small, and his income was also limited. Even though his utensils for eating were few, he was content … Read more

लाचार एवं जरूरतमंद मनुष्य सेवा से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं | God Becomes Happy Only By Serving Helpless And Needy Humans

लाचार एवं जरूरतमंद मनुष्य सेवा से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं!!👌👌✍️👌👌एक समय मोची का काम करने वाले व्यक्ति को रात में भगवान ने सपना दिया और कहा कि कल सुबह मैं तुझसे मिलने तेरी दुकान पर आऊंगा।मोची की दुकान काफी छोटी थी और उसकी आमदनी भी काफी सीमित थी। खाना खाने के बर्तन भी थोड़े … Read more