उपासना का परिणाम आत्मानंद है | The Result Of Worship Is Self-Bliss

🥀 २० नवंबर २०२४ बुधवार 🥀//मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष पंचमी २०८१//➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️उपासना का परिणाम आत्मानंद है〰️➖🌹➖〰️👉 अनेक बार लोग कह उठते हैं कि – “यह हमारा व्यक्तिगत अनुभव है कि अधिक उपासना करने वाले लोग बहुधा विपन्न और दुःखी ही रहा करते हैं।” संसार का कोई भी सच्चा उपासक इस विपरीत कथन से सहमत नहीं हो सकता … Read more

अटूट विश्वास आस्तिकता का लक्षण|| Unwavering faith is a sign of devotion

🥀 ०५ नवंबर २०२४ मंगलवार 🥀//कार्तिक शुक्लपक्ष चतुर्थी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️❗➖।।अटूट विश्वास।।➖❗➖आस्तिकता का लक्षण ➖〰️➖🌹➖〰️👉 लुहार अपनी दुकान पर लोहे के टुकडों से तरह-तरह की चीजें बनाता रहता है। उन टुकडों को वह कभी गरम करने के लिये भट्टी में तपाता है कभी पानी में डालकर ठण्डा कर लेता है। इस विसंगति को देखकर कोई … Read more

सनातन धर्म में पूजा से जुड़ी हुई अति महत्वपूर्ण बातें।

सनातन धर्म में पूजा से जुड़ी हुई अति महत्वपूर्ण बातें। ★ एक हाथ से कभी प्रणाम नहीं करना चाहिए। ★ सोए हुए व्यक्ति का कभी चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। ★ बड़ों को प्रणाम करते समय उनके दाहिने पैर पर दाहिने हाथ से और उनके बांये पैर को बांये हाथ से छूकर प्रणाम करें। ★ … Read more

श्रीकृष्ण की कृपा भक्तमाली पर |

(((( भक्तमाली और लड्डू गोपाल जी )))).पंडित श्री जगन्नाथ प्रसाद जी ‘भक्तमाली’ के भक्तिभाव के कारण वृंदावन के सभी संत उनसे बहुत प्रभावित थे और उनके ऊपर कृपा रखते थे।.सन्तों की कौन कहे स्वयं ‘श्रीकृष्ण’ उनसे आकृष्ट होकर जब तब किसी न किसी छल से उनके ऊपर कृपा कर जाया करते थे।.एक बार श्री जगन्नाथ … Read more

अपनी उपासना को सार्थक बनाएं |

🥀// २८ जून २०२४ शुक्रवार //🥀🍁 आषाढ़कृष्णपक्ष सप्तमी२०८१ 🍁➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖〰️➖🌹➖〰️अपनी उपासना को सार्थक बनाएं〰️〰️〰️➖🌹➖〰️〰️〰️👉 अध्यात्म-साधना को “ज्ञान” और “विज्ञान”- इन दो पक्षों में विभाजित कर सकते हैं। “ज्ञान” पक्ष वह है जो पशु और मनुष्य के बीच का अंतर प्रस्तुत करता है और प्रेरणा देता है कि इस सुरदुर्लभ अवसर का उपयोग उसी प्रयोजन के … Read more

साधु और लोमड़ी: सेवा और स्नेह की कहानी

साधु और लोमड़ी

The Magnanimous King Moradhwaj || महादानी राजा मोरध्वज

Translate into English: The Magnanimous King Moradhwaj After the end of the Mahabharata war, the Pandavas, upon the advice of Shri Krishna, organized the Ashwamedha Yagna. After the Ashwamedha Yagna, a horse is released, and wherever the horse goes, the king of that kingdom accepts servitude to it. Arjuna was appointed to protect the horse. … Read more

महादानी राजा मोरध्वज || The Magnanimous King Moradhwaj

महादानी राजा मोरध्वज अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा कि मैं अवश्य ही उस भक्त के दर्शन करना चाहूंगा- जो मुझसे भी बड़ा आपका भक्त है।तब भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन ब्राह्मण का वेश धारण करके- तथा स्वयं यमराज एक सिंह के भेष में रतनपुर राज्य की ओर चल पड़े- जहां राजा मोरध्वज का राज … Read more

मानव और प्राणी-मात्र की सेवा का धर्म ही असली भक्ति हैं || The duty of serving humanity and all living beings is true devotion

एक नगर में बहुत धनवान सेठ रहता था। वह बहुत सी फैक्ट्रियों का स्वामी था! लेकिन था…! पक्का नास्तिक…! ईश्वर को बिल्कुल नहीं मानता था।एक सायंकाल अचानक उसे बहुत बैचेनी होने लगी।डॉक्टर को बुलाया गया- सारी जाँचें करवा ली, परन्तु कुछ भी नहीं निकला।उसकी बैचेनी बढ़ती गयी।उसके समझ में नहीं आ रहा था- कि ये … Read more

The dust of Shabari’s feet || शबरी के पैरों की धूल

The dust of Shabri’s feet Shabri was the daughter of a tribal Bhil. She appeared very ordinary, but her heart was very tender. Her father had arranged her marriage, but there was a custom among the tribes that before any auspicious event, innocent animals were sacrificed. To fulfill this custom, Shabri’s father brought a hundred … Read more