अपने सही स्वरूप को हम जानें

🥀०८ अक्टूबर २०२४ मंगलवार🥀//आश्विन शुक्लपक्ष पंचमी २०८१ //‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️अपने सही स्वरूप को हम जानें〰️➖🌹➖〰️👉 “आत्मा” की महिमा और गरिमा को समझा जा सके तो उसे उसके स्तर के अनुरूप स्थिति में रखने की इच्छा होगी। इसके लिये जगी अभिलाषा और विकसित हुई स्थिति आत्मगौरव कहलाती है। “गौरवान्वित” को संतोष मिलता है और आनंद भी। तिरस्कृत … Read more

श्रम का महत्त्व समझें

👉 आमतौर से लोगों में “आलस्य”-“प्रमाद” की भरमार पाई जाती है। ये बैठे-ठाले दिन गुजारना चाहते हैं। हलके कामों में हाथ डालते हैं और धीरे-धीरे मनमौजीपन से उन्हें पूरा करते हैं, उन्हें आधा-अधूरा छोड देते हैं। जितने समय में जो काम हो सकता है, उसकी अपेक्षा के कई गुना समय नष्ट करने के उपरांत पूरा … Read more

साधना किसान से सीखें

🥀 ०५ जुलाई २०२४ शुक्रवार 🥀//आषाढ़ कृष्णपक्ष अमावस्या२०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖❗साधना किसान से सीखें❗〰️➖🌹➖〰️👉 “साधना” का महत्त्व “किसान” जानता है। पूरे वर्ष अपने खेत की मिट्टी के साथ अनवरत गति से लिपटा रहता है और फसल को स्वेद कणों से नित्य ही सींचता रहता है। सरदी-गरमी की परवाह नहीं। जुकाम-खाँसी की चिंता नहीं। शरीर की तरह … Read more

साधु और लोमड़ी: सेवा और स्नेह की कहानी

साधु और लोमड़ी

जीवन का आनंद

~~~ बहुत समय पहले की बात है जब सिकंदर अपने शक्ति के बल पर दुनिया भर में राज करने लगा था वह अपनी शक्ति पर इतना गुमान करने लगा था कि अब वह अमर होना चाहता था उसने पता लगाया कि कहीं ऐसा जल है जिसे पीने से व्यक्ति अमर हो सकता है। देश-दुनिया में … Read more

हमें अपने बड़ों के अनुभव और ज्ञान का सम्मान करना चाहिए। उनके पास जीवन के अनमोल अनुभव होते हैं जो हमें कठिनाइयों से बचा सकते हैं।

एक बहुत बड़ा विशाल पेड़ था। उस पर बहुत सारे हंस रहते थे। उनमें एक बहुत बुजुर्ग हंस था, वह बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ’* कहकर बुलाते थे एक दिन उसने एक नन्ही सी बेल को पेड़ के तने पर बहुत नीचे लिपटते पाया। ताऊ ने दूसरे हंसों को बुलाकर कहा, … Read more