मानव और प्राणी-मात्र की सेवा का धर्म ही असली भक्ति हैं || The duty of serving humanity and all living beings is true devotion
एक नगर में बहुत धनवान सेठ रहता था। वह बहुत सी फैक्ट्रियों का स्वामी था! लेकिन था…! पक्का नास्तिक…! ईश्वर को बिल्कुल नहीं मानता था।एक सायंकाल अचानक उसे बहुत बैचेनी होने लगी।डॉक्टर को बुलाया गया- सारी जाँचें करवा ली, परन्तु कुछ भी नहीं निकला।उसकी बैचेनी बढ़ती गयी।उसके समझ में नहीं आ रहा था- कि ये … Read more