प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है

🥀 ०८ नवंबर २०२४ शुक्रवार 🥀//कार्तिक शुक्लपक्ष सप्तमी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️➖प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न➖❗हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है❗〰️➖🌹➖〰️👉 “मानसिक उद्विग्नता” भी मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी समस्या है। शांत, संतुष्ट, संतुलित और प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति बिरले ही दिखाई देते हैं। अधिकांश व्यक्तियों के माथे पर त्यौरियाँ चढ़ी होती हैं, आँखों में बुझापन, चेहरे पर … Read more

शारीरिक श्रम का महत्त्व समझिए |

🥀 ०२ जुलाई २०२४ मंगलवार 🥀//आषाढ़ कृष्णपक्ष एकादशी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖शारीरिक श्रम का महत्त्व समझिए〰️➖🌹➖〰️👉 अब से लगभग डेढ़ सौ वर्ष पहले रूस के एक लेखक ने, जो वास्तव में एक सामान्य किसान था, एक बड़े मार्के की बात लिखी थी- “मनुष्य को चाहिए कि वह अपना पसीना बहाकर उदर-पोषण करे।” यों सामान्य दृष्टि से … Read more