साधना से अपने पापों को स्वीकारने का साहस जागृत होता है | Sadhana Awakens The Courage To Accept One’s Sins
०७ दिसंबर २०२४ शनिवार
//मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष षष्ठी२०८१//
ऋषि चिंतन
साधना से अपने पापों को
स्वीकारने का साहस जागृत होता है
“साधना” निश्चित रूप से याचना नहीं है। वह विशुद्ध रूप से आत्म-परिष्कार, जीवन शोधन और पवित्रता के विकास की सुनियोजित प्रक्रिया है। तपश्चर्या की आग में हम अपने कलुष- कषायों को जलाते हैं। कर्मफल से छुटकारा … Read more