प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है

🥀 ०८ नवंबर २०२४ शुक्रवार 🥀//कार्तिक शुक्लपक्ष सप्तमी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️➖प्रसन्न रहना अथवा उद्विग्न➖❗हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है❗〰️➖🌹➖〰️👉 “मानसिक उद्विग्नता” भी मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी समस्या है। शांत, संतुष्ट, संतुलित और प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति बिरले ही दिखाई देते हैं। अधिकांश व्यक्तियों के माथे पर त्यौरियाँ चढ़ी होती हैं, आँखों में बुझापन, चेहरे पर … Read more

अध्यात्मवादी भावनाशील होता है |

🥀 ०७ सितंबर २०२४ शनिवार 🥀//भाद्रप्रद शुक्लपक्ष चतुर्थी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️अध्यात्मवादी भावनाशील होता है〰️➖🌹➖〰️👉 सबसे बड़ा और सबसे प्रथम “विभूतिवान” व्यक्ति वह है, जिसके “अंतःकरण” में “उत्कृष्ट” जीवन जीने और “आदर्शवादी” गतिविधियाँ अपनाने के लिए निरंतर उत्साह उमड़ता है। ऐसा साहस उत्पन्न होता रहता है जो लोभ, मोह के भवबंधनों के रोके रुक ही न … Read more