भगवान मिलते क्यों नहीं हैं ? | Why don’t we meet God?

🥀 २२ नवंबर २०२४ शुक्रवार 🥀//मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष सप्तमी २०८१//➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️❗भगवान मिलते क्यों नहीं हैं ?❗〰️➖🌹➖〰️👉 “भक्त” “भगवान” को तलाशता है और “भगवान” “भक्त” को ढूँढ़ते हैं। कैसी आँख मिचौली है कि कोई किसी को मिल नहीं पाता। तथाकथित भक्तों की कमी नहीं। वे तलाशते भी हैं, पर मिल नहीं पाते। इसलिए कि उन्हें न तो … Read more

अटूट विश्वास आस्तिकता का लक्षण|| Unwavering faith is a sign of devotion

🥀 ०५ नवंबर २०२४ मंगलवार 🥀//कार्तिक शुक्लपक्ष चतुर्थी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️❗➖।।अटूट विश्वास।।➖❗➖आस्तिकता का लक्षण ➖〰️➖🌹➖〰️👉 लुहार अपनी दुकान पर लोहे के टुकडों से तरह-तरह की चीजें बनाता रहता है। उन टुकडों को वह कभी गरम करने के लिये भट्टी में तपाता है कभी पानी में डालकर ठण्डा कर लेता है। इस विसंगति को देखकर कोई … Read more

सनातन धर्म में पूजा से जुड़ी हुई अति महत्वपूर्ण बातें।

सनातन धर्म में पूजा से जुड़ी हुई अति महत्वपूर्ण बातें। ★ एक हाथ से कभी प्रणाम नहीं करना चाहिए। ★ सोए हुए व्यक्ति का कभी चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। ★ बड़ों को प्रणाम करते समय उनके दाहिने पैर पर दाहिने हाथ से और उनके बांये पैर को बांये हाथ से छूकर प्रणाम करें। ★ … Read more

अध्यात्मवादी भावनाशील होता है |

🥀 ०७ सितंबर २०२४ शनिवार 🥀//भाद्रप्रद शुक्लपक्ष चतुर्थी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼〰️➖🌹➖〰️अध्यात्मवादी भावनाशील होता है〰️➖🌹➖〰️👉 सबसे बड़ा और सबसे प्रथम “विभूतिवान” व्यक्ति वह है, जिसके “अंतःकरण” में “उत्कृष्ट” जीवन जीने और “आदर्शवादी” गतिविधियाँ अपनाने के लिए निरंतर उत्साह उमड़ता है। ऐसा साहस उत्पन्न होता रहता है जो लोभ, मोह के भवबंधनों के रोके रुक ही न … Read more

आत्मा की अमरता पर विश्वास करें

🥀 १० जुलाई २०२४ बुधवार 🥀//आषाढ़ शुक्लपक्ष चतुर्थी २०८१ //➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖आत्मा की अमरता पर विश्वास करें〰️➖🌹➖〰️👉 “आत्मा” की अमरता का विश्वास सचमुच भू-लोक का “अमृत” है। इसे पान करने के उपरांत मनुष्य की दिव्य दृष्टि खुलती है। वह कल्पना करता है कि मैं अतीत काल से, सृष्टि के आरंभ से एक अविचल जीवन जीता चला … Read more

बिना मृत्यु के पुनर्जन्म |

एक चोर ने राजा के महल में चोरी की। सिपाहियों को पता चला तो उन्होंने उसके पदचिह्नों का पीछा किया। पीछा करते-करते वे नगर से बाहर आ गये। पास में एक गाँव था। उन्होंने चोर के पदचिह्न गाँव की ओर जाते देखे। गाँव में जाकर उन्होंने देखा कि एक संत सत्संग कर रहे हैं और … Read more

श्रीकृष्ण की कृपा भक्तमाली पर |

(((( भक्तमाली और लड्डू गोपाल जी )))).पंडित श्री जगन्नाथ प्रसाद जी ‘भक्तमाली’ के भक्तिभाव के कारण वृंदावन के सभी संत उनसे बहुत प्रभावित थे और उनके ऊपर कृपा रखते थे।.सन्तों की कौन कहे स्वयं ‘श्रीकृष्ण’ उनसे आकृष्ट होकर जब तब किसी न किसी छल से उनके ऊपर कृपा कर जाया करते थे।.एक बार श्री जगन्नाथ … Read more

आस्था मूलक नारी जीवन || The Faith-Based Life of Women

🥀// १३ जून २०२४ गुरुवार //🥀🍁 ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष सप्तमी२०८१🍁➖➖‼️➖➖‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖➖आस्था मूलक नारी जीवन➖〰️➖🌹➖〰️👉 जिस देवालय का “विग्रह” विखंडित हो वहाँ दर्शनों की परंपरा समाप्त हो जाती है । “खंडित देव प्रतिमा” के अंग-प्रत्यंग किसी प्रकार जोड़ भी दिए जायें तो भी देव शक्ति के निष्प्राण हो जाने की अवधारणा से दर्शनार्थी की श्रद्धा समाप्त … Read more

The Elixir of Family Life Lies in “Woman”

🥀// May 27, 2024, Monday //🥀🍁Jyeshtha Krishna Paksha Chaturthi 2081🍁➖➖‼️➖➖ ‼Rishi Chintan‼➖➖‼️➖➖The Elixir of Family Life Lies in “Woman”〰️➖🌹➖〰️👉 Numerous names, forms, and activities of human-made institutions are seen everywhere. The one institution created by God is the “family.” It is a natural organization where both young and old receive what they need from each … Read more

परिवार की संजीवनी “नारी” में स्थित है ||

🥀// २७ मई २०२४ सोमवार //🥀🍁ज्येष्ठ कृष्णपक्ष चतुर्थी २०८१🍁➖➖‼️➖➖ ‼ऋषि चिंतन‼➖➖‼️➖➖परिवार की संजीवनी “नारी” में स्थित है〰️➖🌹➖〰️👉 मनुष्यकृत संस्थाओं के अनेक नाम, रूप और क्रिया-कलाप सर्वत्र दीख पड़ते हैं । ईश्वरकृत संस्था एक ही है-“परिवार “। यह एक ऐसा नैसर्गिक संगठन है जिसके अंतर्गत छोटे और बड़े सभी को एक दूसरे से अपनी- अपनी आवश्यकता … Read more